धारा 376 IPC के झूठे आरोप से बचाव के उपाय एव समाधान | How to Escape from IPC 376 in Hindi | Fake Rape Case

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आज के बढ़ते युग में लड़का लड़की का साथ रहना आम बात हो गयी है। लेकिन जब उन दोनों के मध्य आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बन जाते है अगर किसी कारण से उन दोनों के मध्य रिश्ते में दरार बन जाती है तो उस स्थिति में लड़की उस लड़के के खिलाफ पुलिस थाने में जाकर धारा 376 IPC (Fake Rape Case) के तहत मामला दर्ज करवा देती है। 

ज्यादातर मामलो में भी यहाँ देखा जाता है कि धारा 376 IPC के अधिकतर मामले झूठे पाए जाते है। इसके पीछे के अनेक कारण हो सकते है।

कभी कभी तो आपसी रंजिश के मामलो में भी Fake Rape Case कि FIR दर्ज करवा दी जाती है जिसका सीधा असर उस लड़के के खिलाफ Fake FIR दर्ज करवाई गयी है उस पर पड़ता है।  

पुलिस विभाग भी ज्यादातर समय बिना प्रारभिक जांच के ( कि हो सकता है कि मामला आपसी सहमति का हो ) FIR दर्ज करके उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लेते है।

सबसे पहले आपको ऐसी स्थिति में घबराना नहीं चाहिए।

चलिए अब जानते है कि Fake Rape Case कि FIR दर्ज हो जाने के बाद क्या करना चाहिए।

Fake Rape Case से कैसे बचें? Misuse of Section 376 IPC

  • सबसे पहले अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके विरुद्ध कोई झूठी FIR दर्ज हो सकती है तो आपको अग्रिम जमानत (anticipatory bail) जिसके बारे में प्रावधान धारा 439 CrPC में दिए गए है के लिए आवेदन करना चाहिए। कुछ मामलो को छोड़कर ज्यादातर मामलो में उच्च न्यायालय (High Court) से अग्रिम जमानत (anticipatory bail) ली जा सकती है। उसके लिए आपको न्यायालय में सबूतों को पेस करना होगा। इसका फायदा ये होगा कि अब आपको पुलिस परेशान नहीं कर सकती।
  • जैसे ही आपके मामले में आपको एंटीसिपेटरी बैल मिल जाती है तो तुरंत आपको बिना समय जाया करें एक क्रिमिनल लॉयर से मिलना चाहिए ताकि वह आपके केस को न्यायालय में अच्छे तरीके से पेश कर सके और आपको रेप के झूठे केस से बाहर निकल सके।अगर आप इस बारे में हमसे सलाह चाहते हैं तो हमें हमारे फेसबुक पेज के जरिये आप हमसे जुड़ सकते है।
  • ओर सबसे जरुरी बात आपको अपने केस से जुडी हुई बारीक़ से बारीक़ जानकारी अपने वकील के साथ जरूर साझा करनी है ताकि वह आपको Fake Rape Case  से बहार निकल सके।
  • इसके बाद आपको आपके खिलाफ जो FIR हुई है उसको अच्छे से पढ़े। उसमे सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात है कि FIR में लिखी दिन (Date ) समय (Time) स्थान (Place) पर क्या लिखवाया गया है। उधारण के लिए मान लीजिये कि आप के खिलाफ दर्ज कि गयी FIR में जो दिन या समय या स्थान लिखवाया गया है उस दिन उस समय या उस स्थान पर आप वह नहीं थे तो आपको जहाँ भी आप थे वह का कोई साबुत आपको न्यायालय में पेश करना होगा।
  • इसके साथ ही साथ आपको पुलिस और न्यायालय कि कारवाईयों में सयोंग करना चाहिए अगर आपको पुलिस ठाणे पर पूछताछ के लिए बुलाती है तो आपको जाना चाहिए अगर आपको लगता है कि पुलिस आपको वह जाकर गिरफ्तार कर सकती है तो आप अपने साथ अपने किसी परिवार या अपने दोस्त या वकील को भी साथ लेकर जा सकते है।
  • आप अपने केस में जितने ज्यादा से ज्यादा साबुत न्यायालय के सामने पेश कर सकते है करे ताकि आपके केस को और मजबूती मिले। इसमें आपके पास कोई टिकट या फिर कोई गवाई हो तो उन सबको न्यायालय में जरूर पेश करे।
  • यदि आपका मामला आपसी सहमति का है तो आपको न्यायालय में ये साबित करना होगा कि ये दोनों कि सहमति से हुआ है। उसके लिए आप Chat या फिर Photos का सहारा ले सकते है।
  • मेडिकल रिपोर्ट ओर चार्ज शीट पर खुलकर बहस करे क्यूकि यही आपको आपके केस से बचा सकती है।
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ओर आखरी हार न माने क्यूकि जीत हमेशा सत्य कि होती है। धन्यवाद……..

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