आईपीसी धारा 324 में बचाव–324 IPC in Hindi – सजा और जमानत

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आज इस पोस्ट के माध्यम से आपको भारतीय दंड सहित कि महत्वपूर्ण धाराओं में से एक ऐसी धारा (Section 324 IPC in Hindi) जिसको हर कोई जानना चाहता है जो है IPC 324 Dhara Kya Hai

आज हम इसी को समझने का प्रयास करेंगे।

अकसर ये देखने को मिलता है कि जब दो लोगों या समुदायों के बीच में किसी कारण से झगड़ा होता है और अगर वह झगड़ा मारपीट या हाथापाई का रूप ले लेता है तो उस स्थिति में पुलिस के द्वारा धारा 323 या फिर धारा 325 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाता है |

क्योंकि ये दोनों धारा मारपीट में घायल हुए व्यक्ति द्वारा केस दर्ज करवाने के समय लगवाई जाती है अगर मामला साधारण प्रकृति का है तो धारा 323 अगर गंभीर प्रकृति का है तो धारा 325 लगाई जाती है लेकिन आज हम इसी से जुडी हुई धारा 324 IPC के बारे में बात करेंगे।

आईपीसीधारा 324 क्या है–Section 324 IPC in Hindi

जैसा हम आपको ऊपर बता चुके है कि अपराध कि प्रकृति के अनुसार ही धारा लगाई जाती है अगर अपराध मारपीट में मामूली चोट से सम्बंधित है तो 323 अगर गंभीर चोट से सम्बंधित है तो 325 लगाई जाती है।

धारा 324 धारा 323 से जुडी हुई है। धारा 323 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति स्वेछा से उपहति करित करेगा तो उस व्यक्ति को धारा 323 के अनुसार सजा दी जायेगी।

वही धारा 324 कहती है कि अगर कोई व्यक्ति खतरनाक साधनों द्वारा किसी व्यक्ति को स्वेछा उपहति करित करेगा तो उस व्यक्ति पर धारा 324 के तहत मुकदमा चलाया जायेगा।

धारा 323 और धारा 324 में खतरनाक साधनों का अंतर है जिसके कारण सजा में भी परिवर्तन हो जायेगा।

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Section 324 IPC in English

Section 324 IPC in English
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324 Kalam in Marathi

324 Kalam in Marathi
324 Kalam in Marathi

धारा 324 के आवश्यक तत्व – Section 324 IPC Ingredients

भारतीय दंड सहित की धारा 324 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को जानबूझकर चोट पहुँचता है जिसमें वह व्यक्ति उस अन्य व्यक्ति को चोट पहुंचने में ख़तरनाक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो उसके द्वारा किये गए कार्य से अगर सामने वाले व्यक्ति को चोट पहुंच जाती है तो वह व्यक्ति धारा 324 में सजा पाने का हकदार होगा |

लेकिन इसमें ये बात ध्यान रखना जरूरी है कि चोट होनी चाहिए जिसको धारा 319 में बताया गया है तो चलिए जानते है ये अपराध किन किन तत्वों से मिलकर बनता है |

सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि धारा 324 में एक अपवाद को शामिल किया गया है जो है धारा 334 जिसमें कहा गया है कि प्रकोपन ( आसान भाषा में समझे तो सामने वाले व्यक्ति द्वारा गुस्सा दिलाना  ) में आकर स्वेछा से चोट पहुँचता है तो वह व्यक्ति धारा 334 में सजा पाने का हकदार होगा।

  • जो कोई किसी व्यक्ति को निशाना लगाने वाले किसी उपकरण द्वारा जिसमें गोली या बन्दूक (Gun) को शामिल किया गया है चोट पहुँचता है।
  • या फिर किसी काटने वाले हथियार जिसमें चाकू (Knife) का इस्तेमाल किया गया हो या फिर ऐसा कोई हथियार का इस्तेमाल किया गया हो जिसे आम समझ का व्यक्ति खतरनाक साधन ( जिनका इस्तेमाल अपराध करने में किया जाये ) मानता हो वे सभी इसमें शामिल किये जायेगा।
  • इन सभी हथियारों के इस्तेमाल द्वारा ये आशंका हो और वह व्यक्ति जानता हो कि इनके इस्तेमाल द्वारा सामने वाले व्यक्ति कि मृत्यु तक हो सकती है।
  • या फिर आग या जलाने वाले किसी साधन द्वारा या जहर द्वारा या फिर किसी विस्फोटक (Explosives) जिनमें आग लगने पर बड़े धमाके के साथ फटते है।
  • या किसी ऐसे पदार्थ का इस्तेमाल जो श्वास में जाकर या रक्त में पहुंचकर व्यक्ति के जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर दे या मानव जीवन के लिए हानिकारक है।
  • या फिर किसी जीव जंतु का इस्तेमाल करके जानबूझकर चोट पहुँचायेगा |

इन सभी के कारण व्यक्ति को शारीरिक दर्द या किसी भी प्रकार कि बीमारी हो जाना या फिर वह दुर्बलता का शिकार हो जाता है तो वह धारा 324 के तहत दोषी होगा।

धारा 324 IPC का दंड प्रावधान क्या है ? – Section 324 IPC Punishment

धारा 324 के तहत आरोपी व्यक्ति को दोनों में से किसी भी प्रकार के कारावास से जिसमें साधारण कारावास या कठोर कारावास से जो न्यायालय को उचित लगे अधिकतम 3 साल तक का कारावास या जुर्माना या दोनों भी दिया जा सकता है इसका मतलब की न्यायालय को लगता है कि जुर्माना लगाना काफी है तो वह जुर्माना लगाकर भी छोड़ सकती है परन्तु यहाँ केस के तथ्यों पर निर्भर करेगा।

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324 जमानती है या नहीं? – Section 324 IPC Bailable or not

धारा 324 एक गैर जमानतीय (Non-Bailable) अपराध है जिसका मतलब कि इसमें जमानत नहीं मिल सकती है।

324 IPC समझोता योग्य है या नहीं – Compoundable or not

धारा 324 एक गैर समझौता (Non- Compoundable) योग्य अपराध है इसका मतलब कि इस अपराध में समझौते कि उम्मीद नहीं है।

324 IPC संज्ञेय या असंज्ञेय अपराध – Cognizable or not

धारा 324 एक संज्ञेय (गंभीर) यानी कि Cognizable  श्रेणी का अपराध है इसका मतलब कि पुलिस अधिकारी बिना वारंट  के गिरफ्तार ( Police Arrest Without Warrant) कर सकता है।

धारा 324 IPC में जमानत कैसे मिलती है? – Bail in 324 IPC

जैसा आप ऊपर पढ़ चुके है कि धारा 324 एक गैर जमानतीय अपराध है जिसका मतलब कि इसमें जमानत नहीं मिल सकती लेकिन अगर आपको लगता है कि आप पर कोई FIR होने वाली है या पुलिस आपको बिना किसी कारण से गिरफ्तार कर सकती है तो उस स्थिति में आप अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) के लिए याचिका लगा सकते है जिसका प्रावधान दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 कि धारा 438 Crpc में दिया गया है उसका सहारा ले सकते है।

अगर आपको लगता है कि ये FIR झूठी दर्ज करवाई गयी है जो किसी भी कारण से हो सकती है तो आप सीधा 482 Crpc के तहत उच्च न्यायालय में जाकर झूठी FIR को खत्म करवा सकते है।

अब पुलिस स्टेशन से मिल जायेगी जमानत

सर्वोच्च न्यायालय ने श्री गंगानगर के एक मामले में रिव्यू याचिका पर कहा कि धारा 324 IPC में आरोपी व्यक्ति को पुलिस स्टेशन से ही जमानत मिल सकती है क्योंकि SC ने 324 को जमानतीय अपराध बताया है।

धारा 324 को लेकर लोगों के बीच यहाँ भरम कि समस्या भनी हुई थी इसका कारण यहाँ था कि 2005 में केंद्र सरकार ने धारा 324 IPC को गैर जमानतीय अपराध बना दिया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने श्री गंगानगर मामले कि सुनवाई करते हुए इसको अब जमानतीय अपराध घोषित कर दिया है अब आरोपी व्यक्ति इस धारा में पुलिस स्टेशन से ही जमानत ले सकते है। 

धारा 324 कब लगती है ?

इस धारा के तहत पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज तब किया जाता है जब व्यक्ति अपनी इच्छा से अन्य व्यक्ति को खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल करने कोई साधारण चोट पहुँचता है तब मामला धारा 324 के तहत आएगा।

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धारा 324 IPC से बचाव

धारा 324 में बचाव के लिया आप सबसे पहले के अच्छे वकील से सम्पर्क करें ताकि वह आपके केस के बारीक पहलुओं को समझकर आपको जमानत दिलवा सके।

इसके अलावा आपको कभी भी किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए अगर संभव को तो आपसी बातचीत द्वारा कि समस्या का हल निकलने की कोशिश करनी चाहिए।

अगर किसी कारण वंश आपका झगड़ा हो जाता है तो आपको कभी भी हथियारों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर आप ऐसा करते है तो आपका केस धारा 324 में आएगा और 3 साल तक की सजा हो सकती है अगर आप हथियारों का इस्तेमाल नहीं करते हो तो आपका केस 323 IPC में आएगा जहां आपको 1 साल तक की सजा का प्रावधान है।

कभी भी कानून से बचने की कोशिश न करें अगर आपसे गलती हुई है तो आपको उसे स्वीकार करना चाहिए इसका आपको आपके केस में बहुत फायदा मिलेगा अगर आप न्यायालय से बचने की कोशिश करते है तो आप पर अनेक प्रकार की धारा लगा दी जायेगी।

धारा 324 IPC से बचाव में वकील कि भूमिका ?

किसी भी केस में आपको एक अच्छे वकील की सहायता लेनी बहुत जरूरी होती है इसका कारण यहाँ है कि वकील को कानून से जुडी हुई ज्यादा से ज्यादा बातों का पता होता है और उन्हें इस बात का भी पता होता है कि आपको इस केस से कैसे बचाना है या आपकी जमानत किस प्रकार से कराई जा सकती है।

धारा 324 एक संज्ञेय (गंभीर) यानी कि Cognizable  श्रेणी का अपराध है इसका मतलब कि पुलिस अधिकारी बिना वारंट  के गिरफ्तार ( Police Arrest Without Warrant) कर सकता है। इसमें आपको एक वकील कि सहायता लेनी पड़ेगी ताकि वह आपकी जमानत करवा सके।

धारा 324 IPC से सम्बंधित महत्वपूर्ण वाद – Supreme Court Judgments on Section 324 IPC

नीतू भंडारी बनाम Deputy Commissioner of Police Delhi – इस केस में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दांत से होंठ काटने पर धारा 324 में मामला नहीं आएगा।

प्रभु बनाम MP 2008 – इस केस में न्यायालय ने कहा कि खतरनाक उपकरण के लिए कोई साधारण परिभाषा नहीं है यह केस पर निर्भर करेगा कि किसको खतरनाक उपकरण कि परिभाषा में रखना चाहिए किसे नहीं।

FAQ – People also ask

324 में कितने साल की सजा होती है?

धारा 324 में आरोपी व्यक्ति को 3 साल तक की सजा हो सकती है।

धारा 324 325 क्या है?

धारा 324 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर  खतरनाक साधनों का इस्तेमाल करके किसी को चोट जो (साधारण प्रकृति) पहुंचेगा उसके लिए दंड का प्रावधान किया गया है। वही धारा 325 में जानबूझकर किसी को गंभीर चोट पहुँचायेगा उसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है। 

धारा 323 और 324 क्या है?

धारा 323 में जानबूझकर किसी व्यक्ति को साधारण चोट पहुंचने पर दंड दिया जायेगा वही धारा 324 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर खतरनाक साधनों का इस्तेमाल करके किसी को चोट जो (साधारण प्रकृति) पहुंचेगा उसके लिए दंड का प्रावधान किया गया है।

धारा 324 और 504 क्या है?

धारा 504 को साधारण भाषा में समझे तो यहाँ गाली – गलोच से सम्बंधित है इसमें आरोपी व्यक्ति अन्य व्यक्ति को इस प्रकार उसका अपमान करता है या उसको उकसाता है कि वह व्यक्ति कोई अपराध कर दे तो जो व्यक्ति इस प्रकार उकसाएगा वह 504 IPC में सजा का दोषी होगा।

वही धारा 324 साधारण चोट जो ख़तरनाक साधनों का इस्तेमाल करके पहुंचेगा उसके लिए दंड का प्रावधान किया गया है।

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